निगाहों की भाषा

बात दिल की युही लब्जों पे नही आती,
निगाहों की भाषा युही सब को समझ में नही आती।
यू तो आशिक़ हर चौराहें पे मिल जायेंगे तुमको,
सच्ची दिल्लगी हर किसी के हिस्से नही आती ।

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