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Mr.Shabdkaar
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जनवरी 11, 2020
निगाहों की भाषा
बात दिल की युही लब्जों पे नही आती,
निगाहों की भाषा युही सब को समझ में नही आती।
यू तो आशिक़ हर चौराहें पे मिल जायेंगे तुमको,
सच्ची दिल्लगी हर किसी के हिस्से नही आती ।
टिप्पणियाँ
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सितंबर 25, 2019
सोचना पड़ा,
जनवरी 11, 2020
दुआ कहाँ है ,क़बूल होती है।
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