संदेश

अगस्त, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अलविदा

ज़िन्दगी तुम से गुलज़ार है माँ,

रौशनी का इक दरिया

अफ़सोस हुआ,

"नादान मेहबूब मेरा"

ज़िन्दगी तुझसे इश्क़ है

मेरा उसका साथ हो ऐसे जैसे।

तुम ही तो मेरी हीर हो

एक चेहरा जो मेरे हर दर्द को मिटा देता है