सामना हो गया,
सामना हो गया,
इश्क़ की राह में वो यू धोखा दे गये,
किसी गैर की चाहत वो हमें धोखा दे गये।
जिन्हें वो अपना समझ कर सब कुछ दे बैठे ,
वो इश्क़ की राह में उन्हें तन्हा कर बैठे।
सब कुछ हार के जब आईने से रूबरू हुऐ,
मुख़ालिफ़ वो अपने आप से हो गए।
जब सामना मेरा उनसे हुआ,
दबे पांव निगाहे झुकाके वो गलियों से गुजर गए।
मुख़ालिफ़-विरोधी, प्रतिद्वंद्वी
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